19 की उम्र में अपने शरीर के 109 टेस्ट और 15 घंटे का ऑपरेशन करवा कर बचाई अपने पिता ही जान। कौन कहता है बेटी और बेटो में फर्क होता है।
कोलकाता में रहने वाली राखी दत्ता का अपने पिता के प्रति प्यार कितना होगा वो बताने की जरुरत नहीं है, दरअसल सुदीप दत्ता की दो बेटियां है एक रूबी और दूसरी राखी दत्ता। पिछले कुछ समय से पिता सुदीप की तबियत ख़राब चल रही थी। पता चला लीवर ख़राब है और उसे शरीर से प्रत्यारोपण करना पड़ेगा।
कोलकाता के नारायण हॉस्पिटल में काफी दिनों तक भर्ती रहने के बाद भी कोई विशेष हालत में सुधार नहीं आ पा रहा था। 20 दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद बेटियों से कहा गया की आप पिता को हैदराबाद के Asian Institute of Gastroenterology (AIG) हॉस्पिटल में भर्ती करें।
Asian Institute of Gastroenterology (AIG) हॉस्पिटल के डॉक्टर राजेंद्र ने सुदीप दत्ता की जांच के बाद जल्द ही लीवर प्रत्यारोपण के बात कही। डॉक्टर ने लीवर प्रत्यारोपण के लिए पहले बड़ी बहन रूबी के तमाम टेस्ट किये पर रूबी के लीवर की संरचना अपने पिता से मेल नहीं खा रही थी।
फिर राखी दत्ता के ऊपर लगभग 109 टेस्ट किये गए जिसमे राखी का लीवर अपने पिता के लीवर की संरचना से मेच हो गया।
राखी ने 19 साल की छोटी सी उम्र में अपने पिता को लीवर दान करते हुए अपने शरीर का लगभग 65% लीवर पिता को प्रत्यारोपण किया। इस ऑपरेशन को करने में डॉक्टरों को लगभग 15 घंटों का समय लगा।
और दोनों को लगभग 4महीने का समय हैदराबाद के Asian Institute of Gastroenterology (AIG) में ही बिताना पड़ा।
लेकिन ख़ुशी की बात ये है अब पिता और बेटी दोनों ही स्वस्थ है।
आपको बता दे उन दिनों रूबी दत्ता मीडिया हॉउस में जॉब करती थी और राखी दत्ता Journalism of Mass कर रही थी।